चापलूस और आलोचक मे केवल इतना अन्तर है कि चापलूस अच्छा बनकर बुरा करता है
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और आलोचक बुरा बनकर अच्छा करता है
चापलूस और आलोचक मे केवल इतना अन्तर है कि चापलूस अच्छा बनकर बुरा करता है
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और आलोचक बुरा बनकर अच्छा करता है
कुछ लोग जो पानी छानकर पीते हैं,
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खून बिना छना पी जाते हैं
~ हरिशंकर परसाई
पुरुष रोता नहीं है पर जब वो रोता है, रोम-रोम से रोता है।
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उसकी व्यथा पत्थर में दरार कर सकती है
~ हरिशंकर परसाई
मूर्खता से पैदा हुआ आत्मविश्वास
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सबसे बड़ा होता है!
– हरिशंकर परसाई
भगवान पांच लड़कियों के बाद
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लड़का देकर अपने होने का सबूत देता रहता है।
~ हरिशंकर परसाई
जिन्हें पसीना सिर्फ़ गर्मी और भय से आता है,
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वे श्रम के पसीने से बहुत डरते हैं!
– हरिशंकर परसाई
“आदमी क्या चूहे से भी बद्तर हो गया है? चूहा तो अपनी रोटी के हक के लिए मेरे सिर पर चढ़ जाता है, मेरी नींद हराम कर देता है”
~ हरिशंकर परसाई (“चूहा और मै”)
“अर्थशास्त्र जब धर्मशास्त्र के ऊपर चढ़ बैठता है तब
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गोरक्षा आन्दोलन के नेता जूतों की दुकान खोल लेते हैं।”
~ हरिशंकर परसाई
“इस देश के बुद्धिजीवी शेर हैं,
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पर वे सियारों की बरात में बैंड बजाते हैं।” 😅
~ हरिशंकर परसाई