चेहरे को आज तक भी तेरा इंतज़ार है
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हमने किसी और को गुलाल मलने नहीं दिया
#होली
चेहरे को आज तक भी तेरा इंतज़ार है
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हमने किसी और को गुलाल मलने नहीं दिया
#होली
हर रंग फिका है
प्रेम रंग के आगे
#होली का रंग भी तब ही मनभावन लागे
जब साथ में हो वो
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जिससे जुड़े हो मोह के धागे
❤😘
दिन छोटे #दिसंबर की लंबी रात होगी,
सर्दिया चल रही हैा सिर्फ #चाय की बात होगी।।
तुम ठंड से कांप कर लिपट जाओगी मुझसे
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बस इसी ख़्याल से #दिसंबर बहुत पसंद है मुझे
मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना
यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है
~ बशीर बद्र