हर रंग फिका है
प्रेम रंग के आगे
#होली का रंग भी तब ही मनभावन लागे
जब साथ में हो वो
.
जिससे जुड़े हो मोह के धागे
❤😘
हर रंग फिका है
प्रेम रंग के आगे
#होली का रंग भी तब ही मनभावन लागे
जब साथ में हो वो
.
जिससे जुड़े हो मोह के धागे
❤😘
दिन छोटे #दिसंबर की लंबी रात होगी,
सर्दिया चल रही हैा सिर्फ #चाय की बात होगी।।
बस कुछ इस तरह से
#दिसंबर का अंजाम हो…
कि मेरी आने वाली हर
#जनवरी मे तेरा नाम हो…
मैं #नवम्बर की
गुनगुनी ठंड ले आई हूँ..
तुम #दिसंबर की
गुलाबी धूप लेते आना…!!!❣️✍️
तुम ठंड से कांप कर लिपट जाओगी मुझसे
.
.
बस इसी ख़्याल से #दिसंबर बहुत पसंद है मुझे
मौसम में मस्त अजीब सी खुमारी छा रहीं हैं
.
.
सुना है कि मोहब्बत की फरवरी आ रही है
मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना
यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है
~ बशीर बद्र
मैं तुम्हारा नाम पुकारूँ
तुम महक-महक जाओ
मैं बनाऊं एक कविता
तुम कलाम की स्याही बन जाओ
–नेहा नूपुर
तुझे दिसंबर में लगे मोहब्बत की ठंड,
.
.
.
.
और तू मुझे तड़पकर मांगे चाय की तरह..