ये होली के मजे कुछ खास नहीं
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रंगना था जिसे वो पास नहीं 🥲
#होली
चेहरे को आज तक भी तेरा इंतज़ार है
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हमने किसी और को गुलाल मलने नहीं दिया
#होली
कितने ही दिल तोड़ती है ये “फरवरी” …
यूंही नही बनाने वाले ने
इसके दिन घटाये होंगे..!
आप की सीधी-सादी बातों में चीनी के एक दाने भर की भी मिठास नहीं तो क्या हुआ साहिब!!
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हम भी फीकी चाय शौक से पीते हैं!!
एक आख़िरी मुलाक़ात को
बुलाया था उसने
मैं नहीं गया,
यूँ न जाकर
मैंने बचाये रखी
एक आख़िरी मुलाक़ात
~ पंकज विश्वजीत
लाख मीठा हो तेरे शहर का पानी लेकिन,
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हम तेरे शहर को चाय तो नहीं कह सकते !!
#चाय