Category: <span>कड़वा सच</span>

Category: कड़वा सच

धर्म शोषण या भाग्यवाद

धर्म चालाक आदमी का शोषण का हथियार है और भोले आदमी के लिए भाग्यवाद की अफीम

.

धर्म पर कब्ज़ा वह वर्ग कर लेता है जिसके अधिकार में उत्पादन के साधन होते हैं

~ हरिशंकर परसाई

आदमी क्‍या चूहे से भी बद्तर हो गया है

“आदमी क्‍या चूहे से भी बद्तर हो गया है? चूहा तो अपनी रोटी के हक के लिए मेरे सिर पर चढ़ जाता है, मेरी नींद हराम कर देता है”

~ हरिशंकर परसाई (“चूहा और मै”)

अर्थशास्त्र जब धर्मशास्त्र के ऊपर चढ़ बैठता है

“अर्थशास्त्र जब धर्मशास्त्र के ऊपर चढ़ बैठता है तब

.

.

गोरक्षा आन्दोलन के नेता जूतों की दुकान खोल लेते हैं।”
~ हरिशंकर परसाई