बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से याद करने…
चाय ठंडी होती गई और किस्से गरम होते गये !!
बेकार उलझाया ना करे
चुभते हुए ख्वाबों से कह दो ..
अब आया ना करे..
हम तन्हा तसल्ली से रहते है….
बेकार उलझाया ना करे..
कुछ जवाब तेरी-मेरी
रहने दे कुछ बाते…..
यूँ ही अनकही सी..
.
.
.
कुछ जवाब तेरी-मेरी …
ख़ामोशी में अटके ही अच्छे हैं.
दरिया अगर सूख भी जाये
कैसे भूलेगी वो मेरी बरसोंकी चाहत को…
.
.
.
.
दरिया अगर सूख भी जाये तो रेत से नमी नहीं जाती…
अंदाज तो बारिशों का लगाया जाता है
हमारा अंदाज कोई ना लगाए तो ही ठिक होगा,.
.
.
.
क्यूंकि अंदाज तो बारिशों का लगाया जाता है
तूफ़ान का नहीं.
कसम मेरे नाम की
हर रोज़ खा जाते थे वो कसम मेरे नाम की,
.
.
.
आज पता चला की जिंदगी धीरे धीरे ख़त्म क्यूँ हो रही है.