बेज़ान आईने का दखल ग़वाऱा नही मुझे
मैं केवल खुद को तेरी आँखों में देखना चाहती हुँ 💞😘 💞
👉💞 💞👈
बेहपना मोहबतें –
बेज़ान आईने का दखल ग़वाऱा नही मुझे
मैं केवल खुद को तेरी आँखों में देखना चाहती हुँ 💞😘 💞
👉💞 💞👈
बेहपना मोहबतें –
ये हवाएँ उड़ न जाएँ ले के काग़ज़ का बदन ,
.
.
.
दोस्तो मुझ पर कोई पत्थर ज़रा भारी रखो ।।
~राहत इंदौरी
अरे ओ गालिब सांवले रंग पर मत जा गालिब
.
.
.
मैंने दुध से ज्यादा चाय के दिवाने देखे है।
😍☕️😍
कुछ ज़ख़्म ऐसे भी होंगे, जिन्हें वक़्त भर लेगा,
.
.
.
पर पहली नज़र के वार की बात ही कुछ और है..
उसकी मोहब्बतों का कैसे हिसाब हो,
.
.
.
जो गले लग कर कहे तुम बहुत खराब हो।