जज्बातों की रद्दी है साहब,
सही भाव तो लगा लो..!!!
#बज़्म
#शायरी
वो बिक चुके थे
जब खरीदने के काबिल हुए हम ……
ज़माने गुजर गए …
हमे अमीर होते होते……!!
उनकी जब मर्जी होती है
वो हमसे तब बात करते है
हमारा पागलपन तो देखिए
पूरा दिन उनकी
मर्जी के इंतजार करते है 😔😔
कैसे भूलेगी वो मेरी बरसोंकी चाहत को…
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दरिया अगर सूख भी जाये तो रेत से नमी नहीं जाती…
कौन कहता है की दिल..
सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है,
तेरी ख़ामोशी भी कभी कभी..
आँखें नम कर देती है..