प्रेम में पागल हो जाना
किसी हद तक ठीक है,
बेवकूफ बनना बिलकुल ठीक नहीं है।
#दिनकर
प्रेम में पागल हो जाना
किसी हद तक ठीक है,
बेवकूफ बनना बिलकुल ठीक नहीं है।
#दिनकर
मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर
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वो मुस्कुरा कर बोले और तुम्हे आता ही क्या है।
सुनो तुम्हारा नाम बोरो प्लस रख दूँ क्या..!!
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तुम्हारे बिना ज़िंदगी रूखी रूखी सी लगती है।
😂😄🤣
अगले जन्म मैं तुम्हें
प्रेयसी नहीं
भिक्षुणी बनकर मिलूँगी
एकदम खाली हाथ
मैंने मुट्ठी भर-भर
तुम्हें जो सर्वस्व दिया है
क्या तब तुम अंजुरी भर
डालोगे मेरी झोली में?
-समृद्धि
सुना है इश्क़ जब गहरा हो जाए तो आशिकों के चेहरे मिलने लगते हैं।
ये तो बताओ..
तुम्हारे गालों पर भी भंवर पड़ते हैं क्या?
चेहरा खूबसूरत हैं तो आशिक़ों की कमी नहीं
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तलाश उनकी हैं जो झुर्रियों को भी दिल से चूमे
चूम लेते
किसी खिलते हुए फूल को!
या सहला देते
किसी पेड़ की पीठ!
कर देते
थोड़ी सी गिदगिलियां
बूढ़की दादी को!
या पास बैठकर
सुन लेते कोई पुराना किस्सा
चुपचाप बैठे दादाजी से!
प्यार पाने के
प्यार जताने के
कितने मार्ग हैं मित्र
और तुम उदास बैठे हो!
~ नरेश गुर्जर
किसी को चाहना तो
इतनी शिद्दत से चाहना की
उसके जाने के बाद
तुम्हारी कविताएँ
मोहताज न रहें
किसी समीक्षक की
किसी प्रशंसक की….
~ रचित दीक्षित
मैं रुई पर एक
कविता लिखूँगा
और उसे तेल में डुबाकर
दिया में सजाऊँगा
फिर संसार के सबसे ऊंचे
पर्वत पर जाकर
मैं उस दीये को जलाऊँगा
कविता में कुछ हो न हो
उजाला जरूर होना चाहिए
बस इतना उजाला
जो अंधेरा हर सके।
~ देवेंद्र