रहने दे कुछ बाते…..
यूँ ही अनकही सी..
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कुछ जवाब तेरी-मेरी …
ख़ामोशी में अटके ही अच्छे हैं.
रहने दे कुछ बाते…..
यूँ ही अनकही सी..
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कुछ जवाब तेरी-मेरी …
ख़ामोशी में अटके ही अच्छे हैं.
हर रोज़ खा जाते थे वो कसम मेरे नाम की,
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आज पता चला की जिंदगी धीरे धीरे ख़त्म क्यूँ हो रही है.
झुका हूँ तो कभी सिर्फ अपनों के लिए
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और लोग इसे मेरी मज़बूरी समझ बैठे
नजाकत तो देखिये, की सूखे पत्ते ने डाली से कहा ..
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चुपके से अलग करना वरना लोगो का रिश्तों से भरोसा उठ जायेगा….
🙋 सनातन सत्य 🙋
पहले लोग घर “लोकेशन” देखकर लेते थे,
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अब “पड़ोसन” देखकर लेते हैं 😜😂
तेरे लहजे में लाख मिठास सही मगर,
मुझे जहर लगता है तेरा औरों से बात करना….
मेरी तो बस एक छोटी सी ख्वाहिश है.
की….
तुम्हारी कोई ख्वाहिश अधूरी ना रहे…..