होली आ रही है
रंग से ना डरे
.
.
रंग बदलने वालों से डरे
#होली
माँ बाप के कपड़े फट गये
बेटी को पहनाने में,
बेटी ने उतार दिए,
फ़ॉलोअर्स बढ़ाने में..!
संस्कार इसलिए भी कम हो गए हैं बच्चों में…
.
.
पहले बुजुर्गों से सीखते थे और अब गूगल से .
चापलूस और आलोचक मे केवल इतना अन्तर है कि चापलूस अच्छा बनकर बुरा करता है
.
.
.
और आलोचक बुरा बनकर अच्छा करता है
कुछ लोग जो पानी छानकर पीते हैं,
.
.
.
खून बिना छना पी जाते हैं
~ हरिशंकर परसाई
पुरुष रोता नहीं है पर जब वो रोता है, रोम-रोम से रोता है।
.
.
उसकी व्यथा पत्थर में दरार कर सकती है
~ हरिशंकर परसाई
धर्म चालाक आदमी का शोषण का हथियार है और भोले आदमी के लिए भाग्यवाद की अफीम
.
धर्म पर कब्ज़ा वह वर्ग कर लेता है जिसके अधिकार में उत्पादन के साधन होते हैं
~ हरिशंकर परसाई
मूर्खता से पैदा हुआ आत्मविश्वास
.
.
.
सबसे बड़ा होता है!
– हरिशंकर परसाई