एक से भी ज्यादा बाप

एक से भी ज्यादा बाप

जिनकी हैसियत है, वे एक से भी ज्यादा बाप रखते हैं —एक घर में,

एक दफ्तर में,

एक-दो बाजार में,

एक-एक हर राजनैतिक दल में।

हरिशंकर परसाई

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