वो अपनी जिंदगी में हुए मशरूफ इतना
वो किस किस को भूल गए ,उन्हें याद भी नहीं
थके लोगों को मजबूरी में चलते देख लेता हूँ
मैं बस की खिड़कियों से ये तमाशे देख लेता हूँ
~मुनीर नियाज़ी
हम तो सिंगल लोग हैं साहब
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.प्रेम से बोलो
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.भाड़ में जाए वेलेंटाइन डे😝😝😝😂😂😂😂
सिंगल होने का ग़म नहीं है साहब.
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बस दूसरों की सेटिंग देख कर ज़हर खाने का मन करता है !! 😏😏
किसी से बस उतना ही दूर होना की उसे आपकी अहमियत का एहसास हो जाए इतना भी दूर ना हो जाना की वो आप के बिना जीना सीख ले❗️
तेरे वादों पे कहाँ तक मेरा दिल फ़रेब खाए
कोई ऐसा कर बहाना मेरी आस टूट जाए
~फ़ना निज़ामी कानपुरी