ख़ुशी कहा हम तो “गम” चाहते है,
ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें “हम” चाहते है
मुझसे जो भी नफरत करते है सुकून से करे
मुझसे जो भी नफरत करते है सुकून से करे
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मैं भी हर शख्स को मोहब्बत के काबिल नही समझता
सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है
बाहर जाकर सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है
खुश दिखना, खुश रहने से जरूरी हो गया है,
चर्चा मेरे बुराई पे हो
मेरी ख़ूबीयो पर तो…..
यहाँ सब खामोश रहते हैं ..
चर्चा मेरे बुराई पे हो तो…
गूँगे भी बोल पड़ते हैं …