कहीं पढ़ा था-
“बो देना प्रेम नहीं है।
उग आना प्रेम है”
और मैं कह आया–
“बो देना या फिर उग आना
प्रेम है या नहीं
ये तो मैं नहीं जानता।
बस इतना जानता हूँ
उस उग आये
पौध को
सींचते रहना ही प्रेम है!”
कहीं पढ़ा था-
“बो देना प्रेम नहीं है।
उग आना प्रेम है”
और मैं कह आया–
“बो देना या फिर उग आना
प्रेम है या नहीं
ये तो मैं नहीं जानता।
बस इतना जानता हूँ
उस उग आये
पौध को
सींचते रहना ही प्रेम है!”
हेलमेट लगाइये, सीट बेल्ट लगाइये…
नियमपालन कीजिये और सुरक्षित रहिये !
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क्यूँकि लोग सिर्फ वीडियो बनायेंगे,
आपको अस्पताल नहीं पहुंचाएंगे !! 🙏🙏☺️☺️
🤣🤣
शिक्षक और सड़क दोनों
एक जैसे होते हैं
खुद जहां है वहीं रहते हैं
मगर दुसरो को उनकी
मंजिल तक पहुंचा ही देते हैं।
#TeachersDay
#HappyTeachersDay ❤️
कुछ लोग अपनें लम्हें सँवारने के लिए
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दूसरों की सदियाँ वीरान कर देते हैं
सेल्फी🤳लेना तो
मिनटो का काम हैं….
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वक्त तो #इमेज बनाने में लगता हैं….
एक के पास नमक है तो दूसरे के पास मरहम हैं
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साहब तलाश दोनों को “घाव” की है ……….
काश लोग दूसरों को खुश देखकर उतने ही खुश होते
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जितनी खुशी उनके चेहरे पर फ़ोटो खिंचवाने के वक्त होती है? 🤔
मैनें सीमेंट से सीखा हैं कि
जोडने के लिए नर्म होना जरुरी है
और जुड़े रहने के लिए सख़्त
अब वक्त से शिकायतें मत रखिये न कि वह सही नहीं चल रहा,”हम बात नहीं कर पा रहे,तुम्हारी बकवास नहीं सुन पा रहा।”
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उन दिनों को भी तो याद करिये न ज़नाब जब मैं घण्टों बोलती थी आपका ज़वाब सिर्फ़ ‘हूँ’ होता था और आंखें मोबाइल स्क्रीन पर…..
#शिक़ायत