ए नसीब ज़रा एक बात तो बता…
.
.
.
तू सबको आज़माता है या मुझसे ही दुश्मनी है!
ए नसीब ज़रा एक बात तो बता…
.
.
.
तू सबको आज़माता है या मुझसे ही दुश्मनी है!
चेहरा खूबसूरत हैं तो आशिक़ों की कमी नहीं
.
.
.
.
तलाश उनकी हैं जो झुर्रियों को भी दिल से चूमे
रहने दो “उधार” इक मुलाकात
यूं ही..!
.
.
.
.
सुना है “उधार” वालों को “लोग”
“भुलाया” नहीं करते..!!
एक ख़ूबसूरत पेड़
जिसपे खिले थे लाल
मखमली खूबसूरत फूल
इसे देख अचानक
ठहर गयी नज़र
क्योंकि नहीं थी उसपे हरी पत्तियाँ
दमक रही थी सूखी डाल फूलों से
तभी याद आयी तुम्हारी कही बात
उम्मीद जीवन की कभी छूटने मत देना
यूँ ही मुस्कुराते रहना हर लम्हा
इन पलाश के फूलों कि तरह
अंशु हर्ष
जब प्रेम का इज़हार करेंगे हम
हमारी कोई भी महान उपलब्धि
काम नहीं आएगी
काम आएगा सिर्फ़
स्त्री के क़दमों में बैठ
काँपते हाथों से फूल देना
इश्क में रूठना एक अदा है,
पर रूठकर दूरी बनाना…. एक इशारा,
किसी से रूठ कर आप उनसे दूरी बनाते हो,
तो आप उन्हें परोक्ष रूप में इशारा रहे हो,
के “मैं ऐसे ही खुश हूं” ….!!
💛
मुझे पसंद हैं
धूसर कत्थई होंठ
बिन काजल बड़ी आंखें
पसीने से धुला चमकता चेहरा
ख़ुश्क लहराते बाल
सादे कपड़े
भोली बातें
क्योंकि मैं
देह से परे रहकर
तुम्हारी आत्मा को चूमना चाहता हूं ।
माँ आ गयी बाद में बात करते हैं से लेकर …
.
.
.
.
माँ “वो आ गए ” बाद में बात करते है तक का सफर ही इश्क़ है ….
ना चाहते हुए भी छोड़ना पड़ता है …
.
.
.
.
कुछ मजबूरियां , मोहब्बत से भी गहरी होती है ,
प्रेम मेरे लिए वह अंतहीन यात्रा है जिसका कोई लक्ष्य नहीं!तुम भी नहीं!!
.
.
.
तुम तो वह सहयात्री हो जिसका हाथ पकड़ मैं इस शाश्वत यात्रा पर निकलना चाहता हूँ!!!