मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना
यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है
~ बशीर बद्र
मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना
यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है
~ बशीर बद्र
दिन प्रति दिन खुद में ही खोता जा रहा हूँ मैं
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तुम्हारी मोहब्बत में जीडीपी होता जा रहा हूँ मैं
सिर्फ झूठ को अच्छे लहजे की जरूरत है,
सच तो हर लहजे में कड़वा ही होता है।
कितनी ही इलायचियां पीस कर डालीं,
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बग़ैर तेरे चाय में महक है ना लज्ज़त है…!! ❤️
मेरे हाथ अक्सर एक हाथ तलाशा करते है,
तुझसे गुजरे है, तेरा साथ तलाशा करते है
गालियां, वो सड़के, इश्क़ में थी सनी – सनी ,
ओस की बूंदों में वही रात तलाशा करते है
© नेहा नूपुर
मैं तुम्हारा नाम पुकारूँ
तुम महक-महक जाओ
मैं बनाऊं एक कविता
तुम कलाम की स्याही बन जाओ
–नेहा नूपुर
मोहब्बत मेरी हर धड़कन में मौजूद है
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मैं फ़रवरी का इंतज़ार नहीं करता
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जब थामा था हाथ तेरा पहली बार…
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लगा जैसे किसी ने सर्दी में ठिठुरते हाथों में चाय कि प्याली दे दी हो
💓💓💓💓
मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर
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वो मुस्कुरा कर बोले और तुम्हे आता ही क्या है।