बहुत बार हम “धागे” ही
इतने कमज़ोर चुन लेते हैं,
की पूरी ज़िंदगी ही “गाँठ बाँधने”
में गुज़र जाती हैं..!🙏
बहुत बार हम “धागे” ही
इतने कमज़ोर चुन लेते हैं,
की पूरी ज़िंदगी ही “गाँठ बाँधने”
में गुज़र जाती हैं..!🙏
अजीब पहेली है इश्क…
सताता है,
सहलाता है,
हँसाता है,
रुलाता है….
दर्द देता है…
औऱ
दर्द देने वाले के हक में ही
रात सारी दुआँ पढ़वाता है।
वो बिक चुके थे
जब खरीदने के काबिल हुए हम ……
ज़माने गुजर गए …
हमे अमीर होते होते……!!
मेरे घर की छत के ऊपर एक छोटी छत है, वहाँ का रास्ता एक कच्ची सीढ़ी से हो कर जाता है, जिसे बचपन में हम चढ़ तो आसानी से जाते थे, पर उतरने में डर लगता था। यह इश्क़ भी शायद वैसा ही है।
– आयुष्मान खुराना
अगर बात ख्वाबों कि करूं
तो सिर्फ इतना ही कहुँगी …
तुमसे जुड़ा हो तो हसीन है,
और अगर तुम्हारा हो तो बेहतरीन…
#काश
.
.
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#मैं ऐसी जरूरत बन जाऊँ तेरी
जिसकी तुम्हे #तलब रहे सारी #जिंदगी !!
❤❤❤
जो मिला उसमें ही खुश रहता हूँ, क्योंकि मेरी उंगलियां ही मुझे सिखाती हैं कि दुनिया में बराबर कोई नहीं !!