अनपढ़ नही हूँ साहब…
हिंदी में लिखना उतना ही अच्छा लगता है
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जितना मां के हाँथ का खाना
#हिंदी_दिवस
अनपढ़ नही हूँ साहब…
हिंदी में लिखना उतना ही अच्छा लगता है
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जितना मां के हाँथ का खाना
#हिंदी_दिवस
सलीके से हवाओं में जो खुशबू घोल सकते हैं ,
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अभी कुछ लोग बाकी हैं जो #हिंदी बोल सकते हैं ,
#हिंदी_दिवस की शुभकामनायें
जैसे चींटियाँ लौटती हैं
बिलों में
कठफोड़वा लौटता है
काठ के पास
वायुयान लौटते हैं एक के बाद एक
लाल आसमान में डैने पसारे हुए
हवाई-अड्डे की ओर
ओ मेरी भाषा
मैं लौटता हूँ तुम में
जब चुप रहते-रहते
अकड़ जाती है मेरी जीभ
दुखने लगती है
मेरी आत्मा
केदारनाथ सिंह
#हिंदी_दिवस #hindidivas
भाषा शरीर का ऐसा अदृश्य अंग हैं ।
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जिसमें मनुष्य का सब कुछ दिखाई देता है ।।
#हिंदी_दिवस
जन-जन की भाषा है हिंदी
भारत की आशा है हिंदी.
जिसने पूरे देश को जोड़े रखा है
वो मजबूत धागा है हिंदी …
हिन्दुस्तान की गौरवगाथा है हिंदी
एकता की अनुपम परम्परा है हिंदी…
जिसके बिना हिन्द थम जाए
ऐसी जीवनरेखा है हिंदी…
सरल शब्दों में कहा जाए तो
जीवन की परिभाषा है हिंदी…
#हिंदी_दिवस #HindiDiwas
जिस भाषा का व्याकरण अपवाद रहित है वो हिंदी,
जिसकी वर्णमाला दुनिया की सबसे व्यवस्थित वर्णमाला है वो हिंदी,
जिसकी लिपि में प्रत्येक ध्वनि के लिए एक निश्चित लिपि चिह्न का प्रयोग होता है वो हिंदी,
जिस एक भाषा की 5 उपभाषाएँ और 16 बोलियाँ हों वो हिंदी।
ऐ हिंदी हमें तुझपर गर्व है।
#Hindi #HindiDiwas
प्रेम मेरे लिए वह अंतहीन यात्रा है जिसका कोई लक्ष्य नहीं!तुम भी नहीं!!
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तुम तो वह सहयात्री हो जिसका हाथ पकड़ मैं इस शाश्वत यात्रा पर निकलना चाहता हूँ!!!