बाहर जाकर सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है
खुश दिखना, खुश रहने से जरूरी हो गया है,
दिल में लोग जगह नहीं देते..
आशियाने बनें भी
तो कहाँ जनाब…
जमीनें महँगी हो चली हैं
और
दिल में लोग जगह नहीं देते..
वाकई पत्थर दिल ही होते हैं शायर
वाकई पत्थर दिल ही होते हैं शायर…!!
वर्ना अपनी आह पर वाह सुनना कोई मज़ाक नहीं…!!
रोज़ रोज़ जलते हैं
रोज़ रोज़ जलते हैं,
फिर भी खाक़ न हुए,
अजीब हैं कुछ ख़्वाब भी,
बुझ कर भी राख़ न हुए…