सत्य को भी प्रचार चाहिए,
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अन्यथा वह मिथ्या मान लिया जाता है।
~ हरिशंकर परसाई
सत्य को भी प्रचार चाहिए,
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अन्यथा वह मिथ्या मान लिया जाता है।
~ हरिशंकर परसाई
एक कड़वा सच
शादी में कुवारे
और शवयात्रा में बूढ़े लोग
ज्यादा इस वजह से जाते हे की दोनों को एक बात ही सताती हे
हम नहीं गये तो हमारे कौन आयेगा !?
😮😦
फुटपाथ पर सोने वाले हैरान है आती जाती गाडियो को देख कर
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कमबख्त जिनके पास घर है वो घर क्यों नही जाते।
प्रेमिकाएँ पत्नियाँ होना चाहती रहीं…
और पत्नियाँ प्रेमिकाएँ….
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कोई पुरुष किसी स्त्री को शायद पूरा मिला ही नहीं…
हर रिश्ते मे मिलावट देखीं,
कच्चे रँगों क़ी सजावट देखी।
लेकिन सालों-साल देखा है माँ को,
उसके चेहरे पर ना थकावट देखीं,
ना ममता मे मिलावट देखी।
नफरत करके क्यो बढ़ाते हो अहमियत किसी की
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माफ करके शर्मिंदा करने का तरीका भी तो कुछ बुरा नहीं
“बहस” सिर्फ़ यह सिद्ध करती है, कि “कौन सही है”
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जबकि” बातचीत” यह तय करती है, कि “क्या सही है” ….!!☝️
लंबी ज़बान और लंबा धागा हमेशा उलझ जाता है।
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इसलिए कम बोलिये, अच्छा बोलिये।
जीवन में ऐसे खिलाड़ी बनो जो गोल( उद्धेश्य प्राप्ति ) के लिये दौड़ता है
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रेफरी मत बनो जो गलतियाँ ढूँढने के लिये ही दौड़ता है