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किसी की कोई बात बुरी लगे तो

किसी की कोई बात बुरी लगे तो, दो तरह से सोचे ।

यदि व्यक्ति महत्वपूर्ण हैं तो बात को भूल जाएं,

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बात महत्वपूर्ण हैं तो व्यक्ति को भूल जाये ।

मेरा रिश्ता है बरसात से क्या

वास्ता हुस्न से या शिद्दत ए जज्बात से क्या
इश्क को तेरे कबीले या मेरी जात से क्या

प्यास देखूं या करूँ फिक्र कि घर कच्चा है
सोच में हूँ कि मेरा रिश्ता है बरसात से क्या..!

(जौन एलिया)