कौन चाहे है अच्छा होना बग़ैर तेरे साथ के
चारागर से कह दीदार लिखे तेरा दवा के नाम पर
कौन चाहे है अच्छा होना बग़ैर तेरे साथ के
चारागर से कह दीदार लिखे तेरा दवा के नाम पर
मुझ को बीमार करेगी, तेरी आदत इक दिन
और फिर तुझ से भी अच्छा नहीं हो पाऊँगा
-Rahul Jha
छोटी सी बात पे ख़ुश होना मुझे आता था
पर बड़ी बात पे चुप रहना तुम्ही से सीखा
~ज़ेहरा निगाह
ख़ुदा के फ़ज़्ल से मुझ को सभी कुछ मिल गया लेकिन
मुझे इस बज़्म में उन की कमी तकलीफ़ देती है
~सहर महमूद
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
~अहमद फ़राज़
मैं तुमसे बेहतर लिखता हूँ
पर जज्बात तुम्हारे अच्छे हैं
मैं खुश हरदम रहता हूँ
पर मुस्कान तुम्हारी अच्छी हैं
मैं अपने उसूलों पर चलता हूँ
पर ज़िद तुम्हारी अच्छी हैं
मैं एक बेहतर शख्सियत हूँ ,
पर सीरत तुम्हारी अच्छी हैं
मैं कितना भी कुछ कहता रहूँ
पर हर बात तुम्हारी अच्छी हैं
कोयल अपनी भाषा बोलती है
इसलिए आजाद रहती है
तोता दूसरों की भाषा बोलता है
इसलिए पिजरे में रहता है
अपनी भाषा ,
अपने विचार और
अपने आप पर विश्वास रखे…
मेरे घर की छत से रिसती है मेरी असफलताएं
बरसातों में और मेरी अवस्था मेरा उपहास उड़ाती है…