दूर से दूर तलक एक भी दरख्त न था status.amitkumarsachin.com Heart Broken Shayari | Heart Touching | Love Shayari | Romantic | Uncategorized | शायरी July 21, 2018 July 21, 2018 दूर से दूर तलक एक भी दरख्त न था| तुम्हारे घर का सफ़र इस क़दर सख्त न था। इतने मसरूफ़ थे हम जाने के तैयारी में, खड़े थे तुम और तुम्हें देखने का वक्त न था। – गोपालदास नीरज