“पेड़ अगर जो मोह लगाते
फल डालियों पर सड़ जाते।”
-शैलेन्द्र कुमार शर्मा
दिन प्रति दिन खुद में ही खोता जा रहा हूँ मैं
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तुम्हारी मोहब्बत में जीडीपी होता जा रहा हूँ मैं
फिर से तेरी यादों का मेरे दिल में बबंडर है…!!
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वही मौसम, वही सर्दी, वही दिलकश दिसम्बर है…!!
हज़ार इश्क़ करो लेकिन इतना ध्यान रहे….
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के तुमको पहली मोहब्बत की बददुआ ना लगे…
लिपट लिपट कर कह रही हैं, दिसम्बर की ये आखिरी शामें,
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अलविदा कहने से पहले एक बार गले तो लगा लो…!
ये दिसम्बर भी बीतेगा पिछले साल की तरह,
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इसे भी तुम्हारी तरह रुकने की आदत नहीं।
एक बार इश्क़ हो जाने दो हमको भी…
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फिर शायरियां चेप चेप कर कलेजा ना फाड़ दिया तो कहना…😂
😂😂😂😂😂