समस्या ये भी गंभीर है
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जिसे तूँ सिर्फ अपनी समझता है,
वो पता नही कितनों की हीर है…
समस्या ये भी गंभीर है
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जिसे तूँ सिर्फ अपनी समझता है,
वो पता नही कितनों की हीर है…
वो बिक चुके थे
जब खरीदने के काबिल हुए हम ……
ज़माने गुजर गए …
हमे अमीर होते होते……!!
Na Jaane Ye Kaisi Mohabbat Hai Tujhase
Baat Na Bhi Ho
To Bhi Dil Ko
Fikar Bas Teri Lagi Rahati Hai
