“इस देश के बुद्धिजीवी शेर हैं,
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पर वे सियारों की बरात में बैंड बजाते हैं।” 😅
~ हरिशंकर परसाई
“इस देश के बुद्धिजीवी शेर हैं,
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पर वे सियारों की बरात में बैंड बजाते हैं।” 😅
~ हरिशंकर परसाई
संकट में तो शत्रु भी मदद कर देते हैं।
मित्रता की सच्ची परीक्षा संकट में नहीं, उत्कर्ष में होती है।
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जो मित्र के उत्कर्ष को बर्दाश्त कर सके,
वही सच्चा मित्र होता है।
~ हरिशंकर परसाई
चाहे कोई दार्शनिक बने साधु बने या मौलाना बने, अगर वो लोगों को अंधेरे का डर दिखाता है,
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तो ज़रूर वो अपनी कंपनी का टॉर्च बेचना चाहता है।
~ हरिशंकर परसाई
देश की आधी ताकत लड़कियों की शादी करने में जा रही है। पाव ताकत छिपाने में जा रही है, शराब पीकर छिपाने में, प्रेम करके छिपाने में, घूस लेकर छिपाने में, बची पाव ताकत से देश का निर्माण हो रहा है – तो जितना हो रहा है, बहुत हो रहा है।
आख़िर एक चौथाई ताकत से कितना होगा।
~ हरिशंकर परसाई
जिनकी हैसियत है, वे एक से भी ज्यादा बाप रखते हैं —एक घर में,
एक दफ्तर में,
एक-दो बाजार में,
एक-एक हर राजनैतिक दल में।
–हरिशंकर परसाई
गाली वही दे सकता है, जो रोटी खाता है!
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पैसा खाने वाला सबसे डरता है!
-हरिशंकर परसाई
सत्य को भी प्रचार चाहिए,
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अन्यथा वह मिथ्या मान लिया जाता है।
~ हरिशंकर परसाई