याद कर लेना मुझे तुम कोई भी जब पास न हो
चले आएंगे इक आवाज़ में भले हम ख़ास न हों
याद कर लेना मुझे तुम कोई भी जब पास न हो
चले आएंगे इक आवाज़ में भले हम ख़ास न हों
राह में खतरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है.
मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है.
तेरे लश्कर के मुक़ाबिल में अकेला हूँ मगर
फैसला मैदान में होगा के मरता कौन है….
– राहत इंदौरी
#पिता
अर्थात एक जोड़ी वह आंख,
जिसकी पलकों में अंकुरते हैं बेटे को हर तरह से बड़ा करने के हजारों सपने..।।
पिता अर्थात छायादार वह बड़ा वृक्ष,
जिसमें बचपने की गौरेया बनाती है घोसला…।
#फादर्सडे
“माँ” एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है।
#Mother #माँ #अम्मा
तू रंज न कर मैं तुझसे नही खुद से रुठा हूँ..
मैं वो फल हूँ जो अपनो के पत्थर से टूटा हूँ..
🍃 चन्द्रगुप्त ने पुछा 🍃
अगर किस्मत
पहले ही लिखी जा चुकी है तो,
कोशिश कर के क्या मिलेगा ?
🍃 चाणक्य ने कहा 🍃
क्या पता किस्मत में लिखा हो की,
कोशिश करने से ही मिलेगा.!!
सफ़र में मुश्किलें आएँ तो जुर्रत और बढ़ती है
कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है
मेरी कमज़ोरियों पर जब कोई तनक़ीद करता है
वो दुशमन क्यों न हो उस से मुहव्बत और बढ़ती है
अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक़सर
न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है
~ नवाज़ देवबन्दी
मंज़िल पाना तो दूर की बात
अगर ऐसे ही Ego में रहोगे तो रास्ते भी नहीं दिखेंगे
ज़िंदगी की अंजुमन का बस यही दस्तूर है…
बढ़ के मिलिए और मिल कर दूर जाते जाइए.!!
#जौन_एलिया