इतना तो
किसी ने चाहा भी न होगा तुम्हे,
जितना मैंने
सिर्फ…… सोचा
है तुम्हे
इतना तो
किसी ने चाहा भी न होगा तुम्हे,
जितना मैंने
सिर्फ…… सोचा
है तुम्हे
“कभी हमसे भी पूछ लिया करो हाल-ए-दिल,
कभी हम भी तो कह सकें दुआ है आपकी”
ज़रा सी देर को तुम अपनी आँखें दे दो मुझे
ये देखना है कि मैं तुम को कैसा लगता हूँ
=मुईन शादाब
दुआ करों मैं कोई रास्ता निकाल सकूँ,
तुम्हे भी देख सकूँ, खुद को भी संभाल सकूँ।
– निदा फाजली
महोब्बत लिबास नही जो हर रोज़ बदला जाए
महोब्बत कफ़न है पहन कर उतारा नही जाता
……….!
महके-महके से रहते हैं खुश्बू से तेरी
तुम बन के इत्र बिखर गये हो मुझमें कहीं.!!