प्रेम में पड़ा पुरुष अक्सर
अपने परिवार के चक्कर में
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मामा बन जाता है…😂😂
प्रेम में पड़ा पुरुष अक्सर
अपने परिवार के चक्कर में
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मामा बन जाता है…😂😂
मेरे हाथ अक्सर एक हाथ तलाशा करते है,
तुझसे गुजरे है, तेरा साथ तलाशा करते है
गालियां, वो सड़के, इश्क़ में थी सनी – सनी ,
ओस की बूंदों में वही रात तलाशा करते है
© नेहा नूपुर
मैं तुम्हारा नाम पुकारूँ
तुम महक-महक जाओ
मैं बनाऊं एक कविता
तुम कलाम की स्याही बन जाओ
–नेहा नूपुर
चेहरा खूबसूरत हैं तो आशिक़ों की कमी नहीं
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तलाश उनकी हैं जो झुर्रियों को भी दिल से चूमे
मैं रुई पर एक
कविता लिखूँगा
और उसे तेल में डुबाकर
दिया में सजाऊँगा
फिर संसार के सबसे ऊंचे
पर्वत पर जाकर
मैं उस दीये को जलाऊँगा
कविता में कुछ हो न हो
उजाला जरूर होना चाहिए
बस इतना उजाला
जो अंधेरा हर सके।
~ देवेंद्र
तुम दिल्ली की इठलाती मेट्रो
मैं कलकत्ते का सहमा ट्राम प्रिये
तुम अंग्रेजी की पॉपुलर लेक्चरर
मैं हिंदी का लेखक गुमनाम प्रिये
कभी लफ़्ज़ों में मत ढूँढना…
मेरे इश्क का वजूद…
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मैं उतना नहीं लिख पाता…
जितना महसूस करता हुँ…
वो अपनी नाराजगी कुछ यूँ जाहिर करती है
जब भी नाराज़ होती है
#तुम से #आप कहने लगती है 😍
💞
मुझे पसंद हैं
धूसर कत्थई होंठ
बिन काजल बड़ी आंखें
पसीने से धुला चमकता चेहरा
ख़ुश्क लहराते बाल
सादे कपड़े
भोली बातें
क्योंकि मैं
देह से परे रहकर
तुम्हारी आत्मा को चूमना चाहता हूं ।
ना चाहते हुए भी छोड़ना पड़ता है …
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कुछ मजबूरियां , मोहब्बत से भी गहरी होती है ,