तन की हवस मन को गुनहगार बना देती है
बाग के बाग़ को बीमार बना देती है
भूखे पेटों को देशभक्ति सिखाने वालो
भूख इन्सान को ग़द्दार बना देती है
~ गोपालदास “नीरज”
तन की हवस मन को गुनहगार बना देती है
बाग के बाग़ को बीमार बना देती है
भूखे पेटों को देशभक्ति सिखाने वालो
भूख इन्सान को ग़द्दार बना देती है
~ गोपालदास “नीरज”
खाना खाते वक्त Bed-sheet से हाथ पोछ कर,
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गर्लफ़्रेंड को रिप्लाई करना भी सच्ची मोहब्बत है 😛
यह फेसबुक वाले रोज नोटिफिकेशन भेजते हैं आज फलाने का जन्मदिन है आज ढिंकाने का
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जैसे मेरा केक बनाने का काम है🙄😏
😂😂