भूख इन्सान को ग़द्दार बना देती है

भूख इन्सान को ग़द्दार बना देती है

तन की हवस मन को गुनहगार बना देती है
बाग के बाग़ को बीमार बना देती है
भूखे पेटों को देशभक्ति सिखाने वालो
भूख इन्सान को ग़द्दार बना देती है

~ गोपालदास “नीरज”

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