मेरी ख़ूबीयो पर तो…..
यहाँ सब खामोश रहते हैं ..
चर्चा मेरे बुराई पे हो तो…
गूँगे भी बोल पड़ते हैं …
मेरी ख़ूबीयो पर तो…..
यहाँ सब खामोश रहते हैं ..
चर्चा मेरे बुराई पे हो तो…
गूँगे भी बोल पड़ते हैं …
आशियाने बनें भी
तो कहाँ जनाब…
जमीनें महँगी हो चली हैं
और
दिल में लोग जगह नहीं देते..
“मतलब” बहुत वजनदार होता है …!
.
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निकल जाने के बाद हर रिश्ते को हल्का कर देता है …!!
आज का ज्ञान
मदद माँगने पर नहीं मिलती यहाँ
और
सलाह बिना माँगे दे जाते हैं लोग
“बुद्धिमान व्यक्तियों की प्रंशसा की जाती है; धनवान व्यक्तियों से ईर्ष्या की जाती है; बलशाली व्यक्तियों से डरा जाता है, लेकिन विश्वास केवल चरित्रवान व्यक्तियों पर ही किया जाता है।”
अल्फ्रेड एडलर
रात भर चलती हैं उँगलियाँ मोबाइल पर
किताब सीने पे
रख कर सोये हुए एक जमाना हो गया…!!!