“छूट गया हाथों से” वो मेरे
कुछ इस “कदर”
रेत “फिसलती” है जैसे “बन्द मुट्ठी से”💔…..
“छूट गया हाथों से” वो मेरे
कुछ इस “कदर”
रेत “फिसलती” है जैसे “बन्द मुट्ठी से”💔…..
दिल खुद ढूंढ लेता है तेरी बेरुखी के बहाने।
तुम्हे अपनी सफाई में कुछ कहने की जरूरत नही।।
जुल्म के सारे हुनर हम पर यूँ आजमाये गये,
जुल्म भी सहा हमने, और जालिम भी कहलाये गये!!
दूर से दूर तलक एक भी दरख्त न था|
तुम्हारे घर का सफ़र इस क़दर सख्त न था।
इतने मसरूफ़ थे हम जाने के तैयारी में,
खड़े थे तुम और तुम्हें देखने का वक्त न था।
– गोपालदास नीरज
उसे उड़ने का शौक था
और हमें उसके प्यार की कैद पसंद थी,
वो शौक पूरा करने उड़ गयी जो
आखिरी सांस तक साथ देने को रजामंद थी…!!!
New Year Resolution of Heart Broken Aashiq
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आज के बाद किडनी दे दूंगा
किसी को पर
दिल नहीं दूंगा .😜……