दिल और ज़ुबान का साफ़ व्यक्ति….
रिश्तों के बाज़ार में….
अक्सर अकेला खड़ा रह जाता है…!!!
नाराजगी
“नाराज़गी” भी एक खूबसूरत रिश्ता है,
जिससे होती हैं वह व्यक्ति दिल और दिमाग, दोनों में रहता है
सुलझा हुआ इंसान
“सुलझा हुआ इंसान वह है जो अपने जीवन के निर्णय स्वयं लेता है, और उन निर्णयों के परिणाम के लिए के किसी दूसरें को दोष नहीं देता”
मैं वो फल हूँ जो अपनो के पत्थर से टूटा हूँ
तू रंज न कर मैं तुझसे नही खुद से रुठा हूँ..
मैं वो फल हूँ जो अपनो के पत्थर से टूटा हूँ..
न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है
सफ़र में मुश्किलें आएँ तो जुर्रत और बढ़ती है
कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है
मेरी कमज़ोरियों पर जब कोई तनक़ीद करता है
वो दुशमन क्यों न हो उस से मुहव्बत और बढ़ती है
अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक़सर
न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है
~ नवाज़ देवबन्दी
मंज़िल पाना तो दूर की बात
मंज़िल पाना तो दूर की बात
अगर ऐसे ही Ego में रहोगे तो रास्ते भी नहीं दिखेंगे
लोग केवल वही सुनते हैं
स्पष्टीरण देने में
अपना समय मत
बर्बाद करिये…..
लोग केवल
वही सुनते हैं
जो वे सुनना चाहते हैं.