दोस्त वहाँ भी हाल पढ़ लेते हैं

दोस्त वहाँ भी हाल पढ़ लेते हैं

क़िताब-ए-दिल का कोई भी स़फा ख़ाली नहीं होता,

दोस्त वहाँ भी हाल पढ़ लेते हैं,

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जहाँ कुछ लिखा नहीं होता…!!

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