तुम्हारा होना बिल्कुल रविवार की सुबह जैसा है,
कुछ सूझता नहीं है….
बस अच्छा लगता है !!!
तुम्हारा होना बिल्कुल रविवार की सुबह जैसा है,
कुछ सूझता नहीं है….
बस अच्छा लगता है !!!
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में….
बस हम गिनती उसी की करते है,
जो हासिल ना हो सका….
मत देख कोई शख्स गुनाहगार है कितना,
बल्कि,
यह देख, तेरे साथ वफादार है कितना…
बाहर जाकर सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है
खुश दिखना, खुश रहने से जरूरी हो गया है,
मेरी ख़ूबीयो पर तो…..
यहाँ सब खामोश रहते हैं ..
चर्चा मेरे बुराई पे हो तो…
गूँगे भी बोल पड़ते हैं …