कभी कभी इंसान
न टूटता है
न बिखरता है
बस हार जाता है
कभी खुद से
कभी किस्मत से
घर में पति की जूठन खाने वाली
स्त्रियां, चीखती है मन ही मन में
जब होता है अहसास उसे,
बिस्तर के जूठन होने का…!!
वें सहम कर हट जाती है पीछे
औऱ झोंक देती है मन को,
रसोई के चूल्हें में..!!
💛💙
रहने दो “उधार” इक मुलाकात
यूं ही..!
.
.
.
.
सुना है “उधार” वालों को “लोग”
“भुलाया” नहीं करते..!!
एक बक्त ऐसा भी आता है..
जब सब कुछ अच्छा होने के बाद भी……
मुस्कराने को दिल नहीं करता….
.
.
.
बस आजकल वही वक्त चल रहा है….
इश्क में रूठना एक अदा है,
पर रूठकर दूरी बनाना…. एक इशारा,
किसी से रूठ कर आप उनसे दूरी बनाते हो,
तो आप उन्हें परोक्ष रूप में इशारा रहे हो,
के “मैं ऐसे ही खुश हूं” ….!!
💛