इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं
चंद लम्हों में फ़ैसला न करो
~सुदर्शन फ़ाख़िर
उनकी जब मर्जी होती है
वो हमसे तब बात करते है
हमारा पागलपन तो देखिए
पूरा दिन उनकी
मर्जी के इंतजार करते है 😔😔
अरे ओ गालिब सांवले रंग पर मत जा गालिब
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मैंने दुध से ज्यादा चाय के दिवाने देखे है।
😍☕️😍
कुछ ज़ख़्म ऐसे भी होंगे, जिन्हें वक़्त भर लेगा,
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पर पहली नज़र के वार की बात ही कुछ और है..
उसकी मोहब्बतों का कैसे हिसाब हो,
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जो गले लग कर कहे तुम बहुत खराब हो।
बस एक बार किसी ने गले लगाया था
फिर उस के बाद न मैं था न मेरा साया था
#ज़फ़र_इक़बाल #UrduPoetry
न शोहरत की दरकार थी
न तोहमत से बैर था
उम्मीद इतना ही था की
वो अपना था गैर न था
~बेबाक इलाहाबादी