Kabhi kabhi kitni baatein
Karni hoti hai,
Lekin koi sunne wala hi
Nahi hota.

Kabhi kabhi kitni baatein
Karni hoti hai,
Lekin koi sunne wala hi
Nahi hota.

घर में पति की जूठन खाने वाली
स्त्रियां, चीखती है मन ही मन में
जब होता है अहसास उसे,
बिस्तर के जूठन होने का…!!
वें सहम कर हट जाती है पीछे
औऱ झोंक देती है मन को,
रसोई के चूल्हें में..!!
💛💙
रहने दो “उधार” इक मुलाकात
यूं ही..!
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सुना है “उधार” वालों को “लोग”
“भुलाया” नहीं करते..!!
एक ख़ूबसूरत पेड़
जिसपे खिले थे लाल
मखमली खूबसूरत फूल
इसे देख अचानक
ठहर गयी नज़र
क्योंकि नहीं थी उसपे हरी पत्तियाँ
दमक रही थी सूखी डाल फूलों से
तभी याद आयी तुम्हारी कही बात
उम्मीद जीवन की कभी छूटने मत देना
यूँ ही मुस्कुराते रहना हर लम्हा
इन पलाश के फूलों कि तरह
अंशु हर्ष
अक्टूबर बिछड़ने का महीना है, शाख़ से पत्ते अलग हुए जा रहे हैं, हवाओं के दिल भी भारी हो रखे हैं, पर अक्टूबर उम्मीद का महीना भी है कि नंगी टहनियां फ़िर से हरी होंगी, सब ख़त्म हो जाने के बाद भी कुछ होना बचा रहेगा..
और बचा रहेगा मेरा तुमसे प्रेम करना दुनिया के किसी कोने में !
जो सिगरेट छुड़वाती है ना
वो ही एक दिन
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गांजा फूंकने पर
मजबूर कर जाती है…..!!!
सावधान रहें और सतर्क रहें …🙊🙊
😝😝😝😝