कितने ही दिल तोड़ती है ये “फरवरी” …
यूंही नही बनाने वाले ने
इसके दिन घटाये होंगे..!
कितने ही दिल तोड़ती है ये “फरवरी” …
यूंही नही बनाने वाले ने
इसके दिन घटाये होंगे..!
आप की सीधी-सादी बातों में चीनी के एक दाने भर की भी मिठास नहीं तो क्या हुआ साहिब!!
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हम भी फीकी चाय शौक से पीते हैं!!
एक आख़िरी मुलाक़ात को
बुलाया था उसने
मैं नहीं गया,
यूँ न जाकर
मैंने बचाये रखी
एक आख़िरी मुलाक़ात
~ पंकज विश्वजीत
लाख मीठा हो तेरे शहर का पानी लेकिन,
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हम तेरे शहर को चाय तो नहीं कह सकते !!
#चाय
बेचैन आँखो में ये कैसी नमी हैं
हाथ में #चाय हैं मगर
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साथ पीने वाली की कमी हैं..!!
हज़ार इश्क़ करो लेकिन इतना ध्यान रहे….
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के तुमको पहली मोहब्बत की बददुआ ना लगे…