दिन छोटे #दिसंबर की लंबी रात होगी,
सर्दिया चल रही हैा सिर्फ #चाय की बात होगी।।
चाय और इश्क

दिन छोटे #दिसंबर की लंबी रात होगी,
सर्दिया चल रही हैा सिर्फ #चाय की बात होगी।।

बस कुछ इस तरह से
#दिसंबर का अंजाम हो…
कि मेरी आने वाली हर
#जनवरी मे तेरा नाम हो…
मैं #नवम्बर की
गुनगुनी ठंड ले आई हूँ..
तुम #दिसंबर की
गुलाबी धूप लेते आना…!!!❣️✍️
तुम ठंड से कांप कर लिपट जाओगी मुझसे
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बस इसी ख़्याल से #दिसंबर बहुत पसंद है मुझे
मौसम में मस्त अजीब सी खुमारी छा रहीं हैं
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सुना है कि मोहब्बत की फरवरी आ रही है
मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना
यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है
~ बशीर बद्र
मैं तुम्हारा नाम पुकारूँ
तुम महक-महक जाओ
मैं बनाऊं एक कविता
तुम कलाम की स्याही बन जाओ
–नेहा नूपुर
तुझे दिसंबर में लगे मोहब्बत की ठंड,
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और तू मुझे तड़पकर मांगे चाय की तरह..
मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर
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वो मुस्कुरा कर बोले और तुम्हे आता ही क्या है।