“व्यक्तित्व” की भी
अपनी वाणी होती है
जो “कलम”‘ या “जीभ”
के इस्तेमाल के बिना भी,
लोगों के “अंर्तमन” को छू जाती है..!!!
राह में खतरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है
राह में खतरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है.
मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है.
तेरे लश्कर के मुक़ाबिल में अकेला हूँ मगर
फैसला मैदान में होगा के मरता कौन है….
– राहत इंदौरी
पिता – बेटे के लिए हज़ारो सपने
#पिता
अर्थात एक जोड़ी वह आंख,
जिसकी पलकों में अंकुरते हैं बेटे को हर तरह से बड़ा करने के हजारों सपने..।।
पिता अर्थात छायादार वह बड़ा वृक्ष
पिता अर्थात छायादार वह बड़ा वृक्ष,
जिसमें बचपने की गौरेया बनाती है घोसला…।
#फादर्सडे
“माँ” एक ऐसी बैंक है
“माँ” एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है।
#Mother #माँ #अम्मा
मैं वो फल हूँ जो अपनो के पत्थर से टूटा हूँ
तू रंज न कर मैं तुझसे नही खुद से रुठा हूँ..
मैं वो फल हूँ जो अपनो के पत्थर से टूटा हूँ..
कोशिश और किस्मत
🍃 चन्द्रगुप्त ने पुछा 🍃
अगर किस्मत
पहले ही लिखी जा चुकी है तो,
कोशिश कर के क्या मिलेगा ?
🍃 चाणक्य ने कहा 🍃
क्या पता किस्मत में लिखा हो की,
कोशिश करने से ही मिलेगा.!!