जिंदगी नाव की मानिंद यूँ ही बस चलती रहे
मुहब्बत की आग प्यासे दिलों में जलती रहे
लहरें तो सदा #आग़ोश में लेने को मचलती है
कुछ दूर से ही नज़रों से ये नज़र मिलती रहे
याद कर लेना मुझे तुम कोई भी जब पास न हो
याद कर लेना मुझे तुम कोई भी जब पास न हो
चले आएंगे इक आवाज़ में भले हम ख़ास न हों
“माँ” एक ऐसी बैंक है
“माँ” एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है।
#Mother #माँ #अम्मा
मैं वो फल हूँ जो अपनो के पत्थर से टूटा हूँ
तू रंज न कर मैं तुझसे नही खुद से रुठा हूँ..
मैं वो फल हूँ जो अपनो के पत्थर से टूटा हूँ..
न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है
सफ़र में मुश्किलें आएँ तो जुर्रत और बढ़ती है
कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है
मेरी कमज़ोरियों पर जब कोई तनक़ीद करता है
वो दुशमन क्यों न हो उस से मुहव्बत और बढ़ती है
अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक़सर
न बिकने का इरादा हो तो क़ीमत और बढ़ती है
~ नवाज़ देवबन्दी
मेरे बारे मे कोइ राय मत बनाना गालिब
मेरे बारे मे कोइ राय मत बनाना गालिब,
मेरा वक्त भी बदलेगा, और तेरी राय भी ।
जितना नज़रअंदाज़ करना है कर लो
जितना नज़रअंदाज़ करना है कर लो,
अंदाज़ा उस दिन का भी लगा लो जब हम नज़र नहीं आएंगे