खुशी के माहौल में भी मेरा लिखा पढ़कर रो पड़ो
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तो समझ लेना कि मैं अब भी जिंदा हूँ तुममे !!
खुशी के माहौल में भी मेरा लिखा पढ़कर रो पड़ो
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तो समझ लेना कि मैं अब भी जिंदा हूँ तुममे !!
ना चाहते हुए भी छोड़ना पड़ता है …
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कुछ मजबूरियां , मोहब्बत से भी गहरी होती है ,
प्रेम में टूटे हुए कुछ लोग देवालय में चढ़े फूल-से पवित्र हो जाते हैं!!
उन्हें छूने में भी लोग डरते हैं,कि कहीं उनके गन्दे हाथ उन्हें अपवित्र न कर दें!!!
#पवित्र_आत्माएं
इतना सस्ता कभी नहीं रहा था मैं ।।
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वो तो उसी के लिये रियायत ज्यादा थी।।
समस्या ये भी गंभीर है
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जिसे तूँ सिर्फ अपनी समझता है,
वो पता नही कितनों की हीर है…
” कौन कहता है हम झूठ नहीं बोलते,
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एक बार खैरियत पूछ के तो देखिये !! “