दिल खुद ढूंढ लेता है तेरी बेरुखी के बहाने।
तुम्हे अपनी सफाई में कुछ कहने की जरूरत नही।।
दिल खुद ढूंढ लेता है तेरी बेरुखी के बहाने।
तुम्हे अपनी सफाई में कुछ कहने की जरूरत नही।।
#उम्मीद लगाए आज भी,
तेरा करता हूं इंतज़ार.!
आओगे एक दिन पास मेरे,
जब टूटेगा विश्वास.!
मैं चाहूंगा फिर भी तुमको,
तुम रखना यह विश्वास.!
मेरा दर खुला है खुला रहेगा,
यह जानो मेरी बात.!
मैं तुमसे बेहतर लिखता हूँ
पर जज्बात तुम्हारे अच्छे हैं
मैं खुश हरदम रहता हूँ
पर मुस्कान तुम्हारी अच्छी हैं
मैं अपने उसूलों पर चलता हूँ
पर ज़िद तुम्हारी अच्छी हैं
मैं एक बेहतर शख्सियत हूँ ,
पर सीरत तुम्हारी अच्छी हैं
मैं कितना भी कुछ कहता रहूँ
पर हर बात तुम्हारी अच्छी हैं
आखिर क्यों रिश्तो की गलिया
इतनी तंग हैं…
शुरुवात कौन करे,
यहीं सोच कर बात बंद है…