हिचकियाँ आना तो चाह रही हैं, पर ‘हिच-किचा’ रही हैं…
कौन शरमा रहा है आज यूँ हमें फुरसत में याद कर के…
हिचकियाँ आना तो चाह रही हैं, पर ‘हिच-किचा’ रही हैं…
कौन शरमा रहा है आज यूँ हमें फुरसत में याद कर के…
किसी को शिद्दत से चाहो !!
तो पूरी कायनात का “भाव” वो अकेला ही खाने लग जाता है 😂😂😂
आज कल के छोरे गाना गा रहे है
बनजा तू मेरी रानी…..
तुझे महल दिला दुगां
भले ही
उनके खुद के घर
प्रधानमंत्री आवास योजना से बन रहे हो….
😜😜😂