शहर बसाकर, अब सुकून के लिए गाँव ढूँढते हैं…..
बड़े अजीब हैं लोग हाथ में कुल्हाड़ी लिए, छाँव ढूँढते हैं…..
शहर बसाकर, अब सुकून के लिए गाँव ढूँढते हैं…..
बड़े अजीब हैं लोग हाथ में कुल्हाड़ी लिए, छाँव ढूँढते हैं…..
रख लो आईने हज़ार तसल्ली के लिए……!!
पर सच के लिए तो,आँखें ही मिलानी प़डेगी….!!!
“मतलब” बहुत वजनदार होता है …!
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निकल जाने के बाद हर रिश्ते को हल्का कर देता है …!!
दुआएँ मिल जायें…
सब की बस यही काफी है…
दवाएँ तो …..
कीमत अदा करने पर…
मिल ही जाती हैं….
आज का ज्ञान
कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष में जन्मे ब्यक्ति को तो आप समझा सकते हैं
मगर
विपक्ष में जन्मे व्यक्ति को समझाना नामुमकिन है 🙄😂
बड़े अनमोल हे ये खून के रिश्ते
इनको तू बेकार न कर
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई
घर के आँगन में दीवार ना कर।
जिस चीज की जरूरत नहीं है वो खरीदोगे
तो
जो जरूरी है वो बेचना पड़ेगा
:- चाणक्य
🙏🙏🙏
आज का ज्ञान
मदद माँगने पर नहीं मिलती यहाँ
और
सलाह बिना माँगे दे जाते हैं लोग