जनवरी सपने दिखाता है,
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और #दिसंबर औकात।
माँ बाप के कपड़े फट गये
बेटी को पहनाने में,
बेटी ने उतार दिए,
फ़ॉलोअर्स बढ़ाने में..!
जो चीज़ आज़ाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,
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उसे समाप्त हो जाना चाहिए।
~शहीद भगत सिंह
संस्कार इसलिए भी कम हो गए हैं बच्चों में…
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पहले बुजुर्गों से सीखते थे और अब गूगल से .
कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो,आँखें मूंदकर उसके पीछे न चलिए।
यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती तो वह हर प्राणी को आँख,नाक,कान,मुँह, मस्तिष्क आदि क्यों देता..??
कानंद~स्वामी विवे
सब्ज़ी बेचकर ” Hero Splendor”🏍
लेने की सोच लेना,
लेकिन कभी
” Network Marketing” जॉइन कर
BMW🚘लेने की मत सोचना..!
😝😂😝😂
“मै एक मज़दूर हूँ।
जिस दिन कुछ लिख न लूँ,
उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं।”
#प्रेमचंद
रेल तेल भेल
सब सेल सबको
प्राइवेट में ठेल
सत्ता अमीरों का खेल
जो विरोध करें उनको जेल
चापलूस और आलोचक मे केवल इतना अन्तर है कि चापलूस अच्छा बनकर बुरा करता है
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और आलोचक बुरा बनकर अच्छा करता है