“मै एक मज़दूर हूँ।
जिस दिन कुछ लिख न लूँ,
उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं।”
#प्रेमचंद
“मै एक मज़दूर हूँ।
जिस दिन कुछ लिख न लूँ,
उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं।”
#प्रेमचंद
दिन प्रति दिन खुद में ही खोता जा रहा हूँ मैं
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तुम्हारी मोहब्बत में जीडीपी होता जा रहा हूँ मैं
मोदी जी को शिक्षा क्षेत्र पर इसलिये भी ध्यान देना चाहिए
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ताकि युवा सड़क 2 के ट्रेलर और मन की बात में फर्क समझ सके।
#कटाक्ष
दू बिगहा में घर बा लेकिन
सुतल बानी टेम्पू में
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जिनगी ई अझुराईल बाटे
नून तेल आ शैम्पू में
#BihariStatus
रेल तेल भेल
सब सेल सबको
प्राइवेट में ठेल
सत्ता अमीरों का खेल
जो विरोध करें उनको जेल
लोगों के ख्यालों से हटता जा रहा हूँ मैं
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SSC का रिजल्ट होता जा रहा हूँ मैं
चापलूस और आलोचक मे केवल इतना अन्तर है कि चापलूस अच्छा बनकर बुरा करता है
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और आलोचक बुरा बनकर अच्छा करता है
कुछ लोग जो पानी छानकर पीते हैं,
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खून बिना छना पी जाते हैं
~ हरिशंकर परसाई